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तेरी चाह के बास्ते खुल गये थे द्वार सारे आहट तेरी पा करके। कदम कैसे रोकती तुझसे मिलने के बास्ते।। ठहर गयी ज़िंदगी एक तुझसे मिलने की आस में। ...